वो सलीके की बातें करती है,
मैं कहता हूं, सिखा दो मुझे
वो तहजीब की बातें करती है,
मैं कहता हूं, दिखा दो मुझे
वो कहती है इश्क रूहानी होता है
मैं कहता हूं, डुबा दो मुझे
कैसे बाताउं जानता मैं भी
हूं बातें बनाना, पर यूं ही
कैसे बातों में बिता दूं तुझे।
मैं कहता हूं, सिखा दो मुझे
वो तहजीब की बातें करती है,
मैं कहता हूं, दिखा दो मुझे
वो कहती है इश्क रूहानी होता है
मैं कहता हूं, डुबा दो मुझे
कैसे बाताउं जानता मैं भी
हूं बातें बनाना, पर यूं ही
कैसे बातों में बिता दूं तुझे।