प्राइवेट सेक्टर में कई लोग
अपनी सैलेरी बढवाने और
प्रोमोशन के लिए रिजाइन कर
देते हैं ये सोचकर कि वो कंपनी के
लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं
और कंपनी उनको रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.....
.
किन्तु स्थिति तब हास्यास्पद
हो जाती है जब उनका रिजाइन
स्वीकार हो जाता है और हाथ
में दूसरी नौकरी ना होने की सूरत में वो मैनेजर के हाथ पाँव
जोड़ते हैं कि ....साहब वापस
काम पर रख लो....दुबारा भूल के
भी रिजाइन नहीं करूंगा.....
अपनी सैलेरी बढवाने और
प्रोमोशन के लिए रिजाइन कर
देते हैं ये सोचकर कि वो कंपनी के
लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं
और कंपनी उनको रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.....
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किन्तु स्थिति तब हास्यास्पद
हो जाती है जब उनका रिजाइन
स्वीकार हो जाता है और हाथ
में दूसरी नौकरी ना होने की सूरत में वो मैनेजर के हाथ पाँव
जोड़ते हैं कि ....साहब वापस
काम पर रख लो....दुबारा भूल के
भी रिजाइन नहीं करूंगा.....